क़ुतुब उद दीन ऐबक
तबक़ात ए नासिरी
तबक़ात ए नासिरी की रचना सिन्हाज़ उि सिराज़ केद्वारा फ़ारिी भाषा िेंकी गई थी और इििेंिुहम्िद गोरी िे
लेकर नासिरुद्दीन िहिदू केशािनकाल तक की जानकारी प्रदान की गईहै।
ताज़ुल मासिर
ताज़ुल मासिर की रचना हिन सनज़ामी केद्वारा अरबी/फ़ारिी भाषा मेंकी गई थी और इिमें1191 -1217 ई. केमध्य का
इसतहाि समलता है।
• कुतुबुद्दीनऐबक का जन्म 1150 मेंआधुसनक तसुकिस्तान, कज़ासकस्तान मेंहुआ था।
• कुतुबुद्दीनऐबक का वास्तसवक नाम क़ुतुब उद द्दीनऐबक था।
• ऐबक का अथिचन्रमा का देवताहोता है।
• मुहम्मद गोरी नेकुतुबुद्दीन ऐबक को गज़नी केबाजार िेएक दाि केरूप मेंख़रीदा था।
• कुतुबुद्दीनऐबक का इसतहाि
• मुहम्मद गोरी नेकुतुबुद्दीन ऐबक को िबिेपहलेअमीर ए आखूर (शाही अश्वशाला का असधकारी) केपद पर
सनयुक्त सकया था।
• तराइन केदिूरेयुद्ध मेंकुतुबुद्दीन ऐबक नेमहुम्मद गोरी की िेना मेंिहायक नेतत्ृव कतािकेरूप मेंिहयोग
सकया था।
• तराइन केदिूरेयुद्ध केबाद मुहम्मद गोरी नेकुतुबुद्दीन ऐबक को अपना प्रसतसनसध बनाकर भारत केशािन की
सजम्मेदारी िौंपी थी।
• चन्दावर युद्ध, बयाना और ग्वासलयर आक्रमण मेंभी कुतुबुद्दीन ऐबक नेमुहम्मद गोरी का िहयोग सकया था।
• कुतुबुद्दीनऐबक नेसदल्ली केपाि इन्रप्रस्थ िेमुहम्मद गोरी केप्रसतसनसध केरूप मेंभारत का शािन चलाया था।
• 1197 ई. में, कुतुबुद्दीन ऐबक नेिबिेपहलेराजस्थान मेंहो रहेसवरोहों का बलपूबिक दमन सकया इिकेबाद
िोलंकी वंश की राजधानी असन्हलवाडा पर आक्रमण सकया गया परन्तुभीम सद्वतीय आक्रमण का िामनानहीं
कर पाए और कुतुबुद्दीन ऐबक नेअसन्हलवाडा मेंखूब लूट मचाई तथा कई मंसदरों को तोड़कर मसस्जदों का
सनमािण भी करवाया।
• 1202 ई. में, कुतुबुद्दीन ऐबक केद्वारा बुन्देलखण्ड केसवरुद्ध आक्रमण सकया गया लेसकन राजा परमसदिदेव की
मत्ृयुकेकारण कुतुबुद्दीन ऐबक नेकासलंजर, महोबा और खजराहो पर आिानी िेअसधकार कर सलया था।
• 1205 ई. में, मुहम्मद गोरी नेखोक्खरों केसवरुद्ध आक्रमण सकया था सजिमेंकुतुबुद्दीन ऐबक नेगोरी का पूणि
15 माचि1206 ई. को मुहम्मद गोरी की अचानक मत्ृयुकेबाद उिकेप्रमुख दाि कुतुबुद्दीन ऐबक, नासिरुद्दीन
कुबाचा और ताजुद्दीन यल्दज़ू नेिाम्राज्य को आपि मेंबााँट सलया था सजिमेंताजुद्दीन यल्दज़ू को गज़नी,
नासिरुद्दीन कुबाचा को सिन्ध/मुल्तान और कुतुबुद्दीन ऐबक को भारत का िाम्राज्य समला था।
• 25 जून1206ई. को कुतुबुद्दीनऐबक नेराजसिंहािन प्राप्तसकयापरन्तुवैधासनक स्वीकृत 1208 मेंप्राप्तहुई थी।
• भारत मेंतुकि िाम्राज्य कीनीव रखनेवाला शािक कुतुबुद्दीनऐबक कोही माना जाताहै।
• कुतुबुद्दीन ऐबक नेशािक बननेकेबाद लाहौर को अपनी राजधानी बनाया लेसकन िैसनक मुख्यालय सदल्ली
केपाि इन्रप्रस्थ मेंथा सजिेकुछ इसतहािकारों नेकुतुबुद्दीन ऐबक की दिूरी राजधानी भी कहाहै।
• कुतुबुद्दीन ऐबक नेसदल्ली िल्तनत का शािक बननेके बाद अपनेनाम का कोई ख़ुत्बा (धासमिक प्रवचन)
नहींपढ़बाया औरन ही अपनेनाम केसिक्केजारी सकए।
• कुतुबुद्दीन ऐबक नेगुलाम वंश की स्थापना की सजिेप्रारसम्भक तुकि, इल्वारी वंश, दाि वंश और मामलूक
वंश केनाम िेभी जाना जाता है।
• कुतुबुद्दीन ऐबक नेस्वयं को मुहम्मद गोरी का दाि मानकर मसलक/सिपहिालार की उपासध िेही स्वयं को
िंतुष्टसकया।
• कुतुबुद्दीनऐबक नेमसलक/सिपहिालार केअलावा लाख बख्ि (यासन लाखों का दानदेनेवाला), पील बख्ि
(यासन हासथयों का दान देनेवाला), क़ुरान ख्वााँ(यासन क़ुरान का पाठ करनेवाला) और हासतम सद्वतीय की
उपासधयााँधारण की थीं।
• कुतुबुद्दीनऐबक नेताजुद्दीन यल्दज़ू कीपुत्री िेअपना सववाहसकया था।
• कुतुबुद्दीन ऐबक नेअपनी बसहन का सववाह नासिरुद्दीन कुबाचा के िाथ तथा अपनी पुत्री का सववाह
इल्तुतसमश केिाथ सकया था।
• कुतुबुद्दीनऐबक को सदल्ली िल्तनत का िंस्थापक माना जाता है।
• कुतुबुद्दीन ऐबक केदरबार मेंताज़ुल मासिर केरचनाकार हिन सनज़ामी तथा अलशुजाता ग्रन्थ केरचनाकार
फख्र ए मुदसबबर रहतेथे।
• कुतुबुद्दीन ऐबक नेसदल्ली मेंकुबबत उल इस्लाम मसस्जद का सनमािण करवाया था जो भारत की पहली
इस्लामी पद्धसत पर सनसमित मसस्जद मानी जाती है।
• राजस्थान केअजमेर मेंअढ़ाई सदन का झोपड़ा नामक मसस्जद का सनमािण भी कुतुबुद्दीन ऐबक केद्वारा ही
करवाया गया था।
• कुतुबुद्दीन ऐबक नेिूफी िंत ख्वाज़ा क़ुतुबुद्दीन बसख्तयार काकी की याद मेंक़ुतुब मीनार का सनमािण करवाया
था लेसकन उििेपहलेउिकी मत्ृयुहो गई थी और क़ुतुब मीनार का बाकी कायिइल्तुतसमश नेकरवाया था।
• 1 सदिम्बर 1210 को लाहौर मेंचौगान खलतेिमय कुतुबुद्दीन ऐबक की मत्ृयुहो गई थी।
• कुतुबुद्दीनऐबक का शािनकाल 1206 – 1210 ई. केमध्य मेंथा।
• कुतुबुद्दीनऐबक का मकबरा लाहौर, पासकस्तान मेंहै।
• कुतुबुद्दीनऐबक की मत्ृयुकेबाद आरामशाह को सदल्ली िल्तनत का शािक बनाया गया था।
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