उत्तर-
प्रश्न-17 संतृप्त कार्बनिक यौगिक किसे कहते हैं?
उत्तर- जिस कार्बनिक यौगिक में कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एकल आबंध होते हैं, उन्हें संतृप्त कार्बनिक यौगिक कहते हैं। सामान्यतः ये यौगिक कम अभिक्रियाशील होते हैं।
जैसे- &C& C& C& C& C&
प्रश्न-18 असंतृप्त कार्बनिक यौगिक किसे कहते हैं?
उत्तर- जिस कार्बनिक यौगिक में कार्बन परमाणुओं के बीच एकल आबंध के अलावा द्वि- अथवा त्रि-आबंध भी होते हैं, उन्हें संतृप्त कार्बनिक यौगिक कहते हैं। सामान्यतः ये यौगिक अधिक अभिक्रियाशील होते हैं।
जैसे- &C= C= C& (द्वि-आबंध) या &C ≡ C& (त्रि-आबंध)
प्रश्न-19 कार्बन का कौनसा अपररूप विद्युत् का चालक होता है?
उत्तर- ग्रेफाईट
प्रश्न-20 भूपर्पटी में खनिजों (जैसे कार्बोनेट, हाइड्रोजनकार्बोनेट, कोयला एवं पेट्रोलियम) के रूप में केवल कितने प्रतिशत कार्बन उपस्थित है?
उत्तर- 0.02%
प्रश्न-21 वायुमंडल में केवल कितने प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड उपस्थित है?
उत्तर- 0.03%
प्रश्न-22 कार्बनिक यौगिक बनाने में कार्बन अन्य परमाणुओं के साथ कौनसा आबंधन बनाता है?
उत्तर- सहसंयोजी आबंधन
प्रश्न-23 अमोनिया के अणु NH3 की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना को चित्रित कीजिए।
उत्तर-
प्रश्न-24 मीथेन के अणु CH4 की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना को चित्रित कीजिए।
उत्तर-
प्रश्न-25 बायोगैस एवं संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) के प्रमुख घटक का नाम व सूत्र बताइए।
उत्तर- मीथेन CH4
प्रश्न-26 निम्नांकित के अणुसूत्र लिखिए-
1. एथेन 2. प्रोपेन 3. ब्यूटेन 4. पेन्टेन
उत्तर-
1. एथेन C2H6 2. प्रोपेन C3H8 3. ब्यूटेन C4H10 4. पेन्टेन C5H12
प्रश्न-27 निम्नांकित के अणुसूत्र लिखिए-
1. बेंजीन 2. एथीन 3. एथाइन
उत्तर-
1. बेंजीन C6H6 2. एथीन C2H4 3. एथाइन C2H2
प्रश्न-28 ब्यूटेनॉन चर्तु-कार्बन यौगिक का प्रकार्यात्मक समूह बताइए।
उत्तर- कीटोन
प्रश्न-29 एथेन (आण्विक सूत्र- C2H6) में कितने सहसंयोजक आबंध हैं?
उत्तर- 7
प्रश्न-30 खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका क्या कारण है?
उत्तर- ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न-1 कार्बन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है? कार्बन मुख्यत सहसंयोजक आबन्धन द्वारा यौगिकों का निर्माण क्यों करता हैं?
उत्तर- कार्बन में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6 होती है। अतः इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1S2, 2S2 2P2 है। यह अपने बाहरी कोश में अक्रिय गैस विन्यास प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनों का साझा करता है। इलेक्ट्रॉनों का साझा करने के कारण कार्बन द्वारा बनाए जाने वाले बन्ध सहसंयोजक बन्ध कहलाते हैं।
प्रश्न-2 हीरा और ग्रेफाइट की संरचना में क्या भिन्नता होती है?
उत्तर-
क्र. सं.
|
विशेषता
|
हीरा
|
ग्रेफाइट
|
1
|
कठोरता
|
कार्बन परमाणुओं की त्रिविम समचतुष्फलकीय व्यवस्था के कारण यह कठोरतम पदार्थ है।
|
कार्बन परमाणुओं की षटभुजाकार परत संरचनाके कारण यह एक मुलायम पदार्थ है।
|
2
|
विद्युत चालकता
|
मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होने से विद्युत का कुचालकहोता है।
|
मुक्त इलेक्ट्रॉन उपलब्ध होने के कारण विद्युत का सुचालक होता है।
|
प्रश्न-3 हाइड्रोकार्बन क्या है? एल्केन, एल्कीन व एल्काइन का सामान्य सूत्र दीजिए।
उत्तर- केवल हाइड्रोजन और कार्बन से बने यौगिक, हाइड्रोकार्बन कहलाते है। ये दो प्रकार के होते हैं-
1 संतृप्त हाइड्रोकार्बन जैसे-एल्केन
2 असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जैसे- एल्कीन व एल्काइन।
एल्केन का सामान्य सूत्र CnH2n+2, एल्कीन का सामान्य सूत्र CnH2n तथा एल्काइन का सामान्य सूत्र CnH2n-2 होता है।
प्रश्न-4 हाइड्रोकार्बन्स की सजातीय श्रेणी से क्या तात्पर्य है? एल्कीन की सजातीय श्रेणी के प्रथम दो सदस्यों के नाम दीजिए।
उत्तर- समान संरचनाओं और समान रासायनिक गुणधर्मों वाले कार्बनिक यौगिकों के उस समूह को सजातीय श्रेणी कहते हैं, जिसमें समान क्रियात्मक समूह होता है एवं जिसमें क्रमागत यौगिकों के सूत्र में CH2 समूह का एवं आण्विक द्रव्यमान में 14 u का अन्तर होता है। एल्कीन्स की सजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n होता है व इसके प्रथम दो सदस्य हैं- एथीन C2H2 व प्रोपीन C3H6
प्रश्न-5 ब्यूटेन व आइसोब्यूटेन किस प्रकार के समावयव हैं? ब्रोमोपेण्टेन के इस प्रकार के कितने समावयव हो सकते हैं?
उत्तर- ब्यूटेन व आइसोब्यूटेन के अणुसूत्र समान हैं किन्तु संरचना भिन्न होती है अतः ये संरचनात्मक समावयव हैं।
ब्रोमोपेण्टेन के तीन संरचनात्मक समावयव सम्भव है-
(1) द-ब्रोमोपेण्टेन (2) आइसो ब्रोमोपेण्टेन (3) निओ ब्रोमोपेण्टेन
प्रश्न-5 निम्न हाइड्रोकार्बन्स का IUPAC नामकरण कीजिए-
(a) C3H8 (b) C2H2 (c) CH3CH2COOH (d) CH3CHO
(e) CH3CH2OH (f) CH3COCH3 (g) CH3Cl
उत्तर-
(a) C3H8 प्रोपेन (b) C2H2 एथाइन (c) CH3CH2COOH प्रोपेनोइक अम्ल
(d) CH3CHO एथेनैल (e) CH3CH2OH एथेनॉल (f) CH3COCH3 प्रोपेनोन
(g) CH3Cl क्लोरो मेथेन
प्रश्न-6 सभी एल्केन्स प्रतिस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार की किसी प्रतिस्थापन अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर- संतृप्त हाइड्रोकार्बन या एल्केन्स सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन के साथ प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं प्रदर्शित करते हैं। इसमे हाइड्रोकार्बन के एक या अधिक हाइड्रोजन परमाणु क्लोरीन द्वारा प्रतिस्थापित कर दिए जाते हैं।
CH4 + Cl2 → CH3Cl + HCl
प्रश्न-7 क्या होता है जब एथीन को निकल की उपस्थिति में हाइड्रोजन के साथ गर्म किया जाता है?
उत्तर- एथीन को जब निकल या पैलेडियम उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन के साथ गर्म किया जाता है तो एथेन की प्राप्ति होती है।
CH2= CH2 + H2 → CH3 _ CH3
प्रश्न-8 कार्बन व उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है? दहन की रासायनिक अभिक्रियाओं के उदाहरणदीजिए।
उत्तर- वायु में कार्बन यौगिक के जलकर कार्बन डाइऑक्साइड, जल, ऊष्मा व प्रकाश उत्पन्न करने की प्रक्रिया को दहन कहते हैं। कार्बन यौगिकों के जलकरअत्यधिक मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न करने के कारण ही अधिकांश कार्बन यौगिकों का अनुप्रयोग ईधन के रूप में किया जाता है।
1. कार्बन का दहन
C + O2 → CO2 + ऊष्मा एवं प्रकाश
2. मेथेन का दहन
CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
3. एल्कोहोल का दहन
CH3CH2OH + 3O2 → 2CO2 + 3H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
प्रश्न-9 हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग भी बताइए।
उत्तर- वनस्पति तेल जैसे मूंगफली का तेल, बिनोले का तेल आदि द्वि आबन्धों युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन युक्त वसा है। ये कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में होते हैं। वनस्पति तेल निकैल अथवा पैलेडियम उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन के साथ संकलन अभिक्रिया कर वनस्पति घी नामक संतृप्त हाइड्रोकार्बन युक्त वसा बनाते हैं जो कमरे के ताप पर अर्धठोस अवस्था में होते हैं।
वनस्पति तेल (असंतृप्त वसा) वनस्पति घी (संतृप्त वसा)
प्रश्न-10 कोयला व पेट्रोलियम को जीवाश्मी ईंधन क्यों कहते हैं?
उत्तर- कोयले व पेट्रोलियम को जीवाष्मी ईंधन भी कहते हैं क्योंकि वे अत्यन्त प्राचीन काल में पृथ्वी के नीचे दफन प्रागैतिहासिक पेड़-पौधों तथा जंतुओं के अवशेषों अर्थात जीवाष्मों के अपघटन द्वारा बने थे। पृथ्वी के अन्दर उच्च ताप, दाब और वायु की अनुपस्थिति में लकड़ी कोयले में परिवर्तित हो गई।
इसी प्रकार करोड़ों वर्ष पहले समुद्र के नीचे दफन अत्यन्त छोटे पौधों और जंतुओं के अवशेषों के जीवाणुओं द्वारा अपघटन एवं उच्च दाब द्वारा पेट्रोलियम व गैस का निर्माण हुआ।
प्रश्न-11 आणविक सूत्र C2H5OH का एक उदासीन कार्बनिक यौगिक x का अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट के साथ उपचयन करने पर सिरके जैसी गंध वाला एक अम्लीय यौगिक y बनता है। सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में यौगिक x को y के साथ गरम करने पर एक मधुर गंध वाला पदार्थ Z बनता है। x, y और Z के नाम व रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर- यौगिक X = C2H5OH (एथिल एल्कोहल), यौगिक Y = CH3COOH (एथेनोइक अम्ल) तथा यौगिक Z = CH3COOC2H5 या एथिल एथेनोएट(एक एस्टर) है, जो एक मधुर गंध वाला पदार्थ है।
अभिक्रियाओं के समीकरण-
CH3CH2OH + 2 [O] → CH3COOH + H2O
एथेनॉल नवजात ऑक्सीजन एथेनोइक अम्ल
(पोटैशियम डाइक्रोमेट से प्राप्त)
CH3COOH + C2H5OH → CH3COOC2H5 + H2O
एथिल एथेनोएट (एस्टर)
प्रश्न-12 मिसेल क्या है? यह कपडों की सफाई में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर- जब साबुन को जल में विलेय किया जाता है तो यह इमल्शन (कोलाइड) बनाता है। जिसमें साबुन के अणु परस्पर गुच्छे में एकत्र होकर गोलाकार संरचना बनाते हैं, जिसे मिसेल कहते हैं। इस मिसेल में हाइड्रोकार्बन सिरे केन्द्र की ओर निर्दिष्ट होते हैं और आयनिक सिरे बाहर की ओर। गन्दे कपडों को जब साबुन युक्त जल में डाला जाता है तो मिसेल में साबुन अणुओं के हाइड्रोकार्बन सिरे कपडे की सतह पर मौजूद तेल कणों से संलग्न होकर उन्हे फंसाकर रोक लेते हैं। जब गन्दे कपडों को साबुन विलयन में हिलाया, रगडा या पीटा जाता है तो मिसेल द्वारा फंसाए हुए ये तेल कण जल में बिखर जाते हैं और कपडों की गन्दगी को जल में विलीन कर देते हैं। इस प्रकार कपडों की गन्दगी जल में रह जाती है और कपड़े साफ हो जाते हैं।
प्रश्न-13 साबुन एवं अपमार्जक पर तुलनात्मक टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
क्र सं.
|
गुण
|
साबुन
|
अपमार्जक
|
1
|
संरचना
|
उच्च कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण
|
उच्च कार्बोक्सिलिक अम्लों के अमोनियम या सल्फोनेट लवण
|
2
|
कठोर जल के साथ क्रिया
|
कठोर जल के साथ झाग नहीं देते
|
कठोर जल के साथ आसानी से झाग देते हैं
|
3
|
जीवाणुओं के द्वारा अपघटन
|
अपघटन नहीं होने से जल प्रदूषण करते हैं
|
जीवाणुओं द्वारा जल अपघटन होने से जल प्रदूषण नहीं करते।
|
प्रश्न-14 एथेनॉल एक स्वच्छ ईंधन क्यों माना जाता है? गन्ने के रस से एथेनॉल कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर-
एथेनॉल स्वच्छ नीली ज्वाला के साथ जलकर अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा देता है तथा केवल CO2 व H2O देता है। एक साफ सुथरा ईंधन होने के कारण इसे पेट्रोल के साथ मिश्रित कर उपयोग में लिया जाता है। ईंधन के उपयोग का एथेनॉल अधिकांशतया गन्ने से प्राप्त किया जाता है। गन्ने के रस के क्रिस्टलीकरण से चीनी बनाने के बाद बचा गाढा भूरा द्रव शीरा कहलाता है। इस शीरे में अभी भी मौजूद तकरीबन 30 प्रतिशत चीनी के किण्वन द्वारा एथेनॉल प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न-15 क्या होगा यदि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन्स को शुद्ध ऑक्सीजन में जलाया जाए?
उत्तर- यदि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन्स को शुद्ध ऑक्सीजन में जलाया जाए तो वे बिना धुएं की नीली ज्वाला के साथ पूर्ण रूप से जलेंगे। यही कारण है कि एसिटिलीन (एथाइन) व ऑक्सीजन का मिश्रण ऑक्सी-एसिटिलीन ज्वाला के रूप में उच्च ताप उत्पन्न करता है जो धातुओं की वेल्डिंग में प्रयुक्त होता है।
प्रश्न-16 विकृत एल्कोहल क्या है?
उत्तर- औद्योगिक कार्यों के लिए एथेनॉल को सरकार द्वारा सस्ता उपलब्ध करवाया जाता है। पीने के उद्देष्य से इस एथेनॉल की कालाबाजारी रोकने हेतु इसमे मेथेनॉल, पिरिडीन या कॉपर सल्फेट जैसे विषैले पदार्थों को मिला दिया जाता है जिससे एल्कोहॉल पीने के अनुपयुक्त हो जाती है। इसे विकृत एल्कोहॉल कहते हैं। यह रंग में नीली होती है, जिससे यह आसानी से पहचानी जा सकती है।
प्रश्न-17 निम्नलिखित प्रकार्यात्मक समूहों का उनके अनुलग्नों से सुमेलित कीजिए-
1 ऐल्कोहॉल ( -OH) (अ) ऑइक अम्ल
2 ऐल्डिहाइड ( -CHO) (ब) ऐन
3 कीटोन ( C ) (स) आइन
4 कार्बोक्सिलिक अम्ल ( -COOH) (द) ओन
5 एल्कीन ( C = C ) (य) ऑल
6 एल्काइन ( C ≡ C ) (र) ऐल
7 एल्केन ( C - C ) (ल) ईन
उत्तर- 1 य, 2 र, 3 द, 4 अ, 5 ल, 6 स, 7 ब।
प्रश्न-18 कार्बन के दो गुणधर्म कौन से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर-
1. कार्बन के ही अन्य परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की अद्वितीय क्षमता होती है जिससे बड़ी संख्या मे अणु बनते हैं। इस गुण को श्रृंखलन (catenation) कहते हैं।
2. चूंकि कार्बन की संयोजकता चार होती है, अतः इसमें कार्बन के चार अन्य परमाणुओं अथवा कुछ अन्य एक संयोजक परमाणुओं के साथ आबंधन की क्षमता होती है। ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्वों के साथ कार्बन के यौगिक बनते हैं,फलस्वरूप ऐसे विशेष गुण वाले यौगिक बनते हैं जो अणु में कार्बन के अतिरिक्त उपस्थित तत्व पर निर्भर करते हैं।